बेटिया भी आजकल बेटियो की कातिल (When Daughter Killed Own Daughter)
आज कल बहुत से ऐसे रिपोर्ट्स आती है ,जब खुद माँ ने कोख में पल रही अपनी बेटियो को मर दिया होता है बेटो की चाह में ...ये समाज का एक ऐसा सच है जिसके बारे में सोचने से ही एक घुटन से होने लगती है ...जहाँ महिलाये आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है वाह एक महिला ही दूसरे की दुसमन बानी हुई है ....हम कह सकते है लडकिया अपने ससुराल के दबाव में बहुत बार बेटियो को कोख में मारती है पर कई बात बेटे की चाह भी एक माँ को अँधा बना देते है ...
इसलिए मैंने ये शीर्षक चुना ..की कैसे कोई माँ ऐसा कर सकती है ...
मुझे आज भी याद है , मैं पार्क की एक बेंच पे बैठा था ..और कुछ दूरी पर एक माँ अपने दो बच्चो के साथ बैठी थी ,उसमे एक लड़का औए एक बच्ची थी....बच्ची काफी देर से माँ को कुछ कह रही थी ...माँ उससे सुन के भी अनसुना कर रही थी ..मैंने सोचा आखिर वो कह क्या रही है ..तो मैंने जब सुना वो छोटी से बच्ची अपनी माँ से icecream दिला को कह रही थी ..लेकिन माँ बार बार उससे मन कर रही थी ...तभी उनके बेटे ने icecream की मांग की माँ तुररंत लेने चली गयी ...और लाकर अपने बेटे के हाथ में दे दिया और उससे अपना प्यार देने लगी ....
उस नन्ही से बच्ची ने ये सब देखा और माँ की तरफ देखने लगी ..ऐसा लगा वो माँ से पूछ रही हो माँ ऐसा क्यों .....
तभी उस बच्ची ने अपनी माँ से पूछ लिया ...माँ आपने मुझे icecream क्यों नहीं खरीद के दिया .....तो माँ ने जो जवाब दिया उससे मेरी आँखे भर आयी ......माँ ने कहा तुझे icecream खाना जरूरी नहीं है ....और मेरे पास फालतू पैसे नहीं है ...
फिर मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उस छोटी से बच्ची को icecream दिला दिया ...
मैं ये देख के सोचता रहा.... ये कैसी माँ है......क्योंकि माँ की परिभासा ही कुछ और होती है .....
इस तरह के भेदभाव हमारे आपके आस पास अक्सर होते है .....अगर महिलाये खुद ऐसे करेंगी तो आने पीढ़ी को क्या सिखाएंगी ......
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