Street Children in India(सड़को पर सोता भारत )
Economy of India
बच्चे तो अपने रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड या ब्रिज के निचे या चौराहो के आस पास देखे ही होंगे ..उनमे से ज़्यादा वही रहते है वही सोते है ..कुछ शायद गांव से आते है पैसा कमाने और सड़को पे रहते है कुछ अपने परिवार के साथ वही रहते है .....
हम सब देखते तो है ही हर रोज़ ....
आपको पता है सरकार ने अपने घोषणा पत्र में internet और विफई फ्री करने की बात कही है Laptop भी बाटे गए है ...सब कुछ Digital भी हो रहा है ये भी अच्छा है भला हम America और चीन से पीछे क्यों रहे ....
लेकिन "हमारी सरकार चाहे वो राज्य की हो या केंद्र की उसमे उन सड़क पे रहने वालो लोगो के लिए कोई योजना नहीं है"
उन लोगो को बेहतर घर या रोज़गार देने की कोई बात नहीं है ...
४०% - ११ से १५ साल के बच्चे
३३% - ६ से १० साल के बच्चे सड़को पे रहते है ...
किसी भी तरह के shelter (शरणगाह) की कोई व्यवस्था नहीं है चाहे मौसम जो भी हो ....
गरीबी इसकी एक वजह है...और वजह सरकार का कोई ध्यान न होना ...सरकार को ध्यान आता है जब अतिक्रमण हटाना होता है ....और जब पेट भरने के लिए भोजन न हो तो मैं एजुकेशन ,स्कूल, और स्वस्थ्य की बात क्या बताऊ आपको ....
और सरकार तो धयान देती नहीं हम भी नहीं देते ....एक कम्बल तक हम उनलोगों को देने में कतराते है जब तक की कोई पंडित ये न कह दे की इससे पुण्य मिलता है ...
हम अपनी ज़िमेदारी भी फायदे नुक्सान में तौलते है ......
Comments
Post a Comment